कपिल देव का 66 वा जन्मदिन पर जानते है उनका बड़ा योगदान क्रिकेट को जानिए

कपिल देव: भारतीय क्रिकेट के दिग्गज कपिल देव आज 6 जनवरी को अपना 66वां जन्मदिन मना रहे हैं। 1959 में चंडीगढ़ में जन्मे कपिल को भारत के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडरों में से एक माना जाता है। उनकी अनोखी गेंदबाजी और कप्तानी के चलते उन्होंने 1983 में भारत को पहला विश्व कप दिलाया। लेकिन उनके करियर में एक ऐसा मोड़ आया जब उन्होंने बीसीसीआई के साथ विवाद किया, जिससे वे काफी समय तक चर्चा में रहे। इसी विवाद ने भारत की पहली और दुनिया की दूसरी सबसे महंगी लीग की नींव रखी। चलिए, जानते हैं वो मामला क्या था।

 

2007 में वेस्टइंडीज में हुए 50 ओवर के क्रिकेट विश्व कप में, सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली जैसे बड़े खिलाड़ियों के होते हुए भी राहुल द्रविड़ की कप्तानी में भारतीय टीम ग्रुप स्टेज से आगे नहीं बढ़ पाई। इस हार ने भारतीय क्रिकेट में कई बड़े बदलावों की नींव रखी। सिर्फ छह महीने बाद राहुल द्रविड़ ने कप्तानी छोड़ दी और अनिल कुंबले के नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट ने एक नई दिशा पकड़ी।.

 

इस दौरान क्रिकेट में एक नई लहर चल रही थी। इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 20-20 ओवरों का क्रिकेट तेजी से लोकप्रिय हो रहा था, जिससे स्टेडियम में दर्शकों की भीड़ बढ़ने लगी। लेकिन भारत में खेल का संचालन करने वाला बीसीसीआई इस नए फॉर्मेट की संभावनाओं को समझने में चूक गया और इसे गंभीरता से नहीं लिया। यहां तक कि साल के अंत में होने वाले पहले टी-20 विश्व कप के लिए बीसीसीआई ने प्रमुख खिलाड़ियों को छोड़कर एक युवा टीम भेजी। लेकिन महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में इस युवा टीम ने इतिहास रचते हुए खिताब जीत लिया, जो भारत का इस फॉर्मेट में पहला खिताब था और 1983 के बाद पहला आईसीसी विश्व कप भी।

 

बीसीसीआई की अनदेखी ने आईसीएल का जन्म दिया। इसके बावजूद, बीसीसीआई ने टी-20 क्रिकेट को गंभीरता से नहीं लिया। इसी बीच, जी नेटवर्क के मालिक सुभाष चंद्रा ने मई 2007 में एस्सेल समूह के वित्तीय सहयोग से इंडियन क्रिकेट लीग (ICL) की घोषणा की। लगभग 25 मिलियन डॉलर के निवेश के साथ, चंद्रा ने एक उच्चस्तरीय बोर्ड बनाया, जिसमें पूर्व क्रिकेट के दिग्गज जैसे डीन जोन्स, टोनी ग्रेग और कपिल देव शामिल थे। इस बोर्ड का मकसद देश का पहला बड़ा टी-20 टूर्नामेंट आयोजित करना था। नवंबर 2007 से भारतीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की मिश्रित टीमों के साथ आईसीएल ने अपनी शुरुआत की। इस टूर्नामेंट में विजेता टीम को 1 मिलियन डॉलर का नकद पुरस्कार देने का ऐलान किया गया।

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