रोहित शर्मा कमाल के हैं, युवराज सिंह ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार तो सह ली, लेकिन इस बात ने ज्यादा निराश किया।

रोहित शर्मा: भारतीय क्रिकेट टीम बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार पांचवीं बार सीरीज जीतने में नाकाम रही। पहले मैच में 295 रनों से जीत के बाद टीम ने सीरीज में वापसी नहीं की और 1-3 से हार गई। 1997 के एशेज सीरीज के बाद ये पहला मौका है जब ऑस्ट्रेलिया ने पहले मैच में हारने के बाद सीरीज जीती। इस सीरीज में रोहित शर्मा का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। उनके इस प्रदर्शन के बाद रिटायरमेंट की बातें होने लगीं, लेकिन उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया। कई आलोचनाओं के बीच अब उन्हें अपने पुराने साथी युवराज सिंह का समर्थन मिला है। युवराज ने कहा कि रोहित एक महान कप्तान हैं, जिन्होंने हमेशा टीम को प्राथमिकता दी है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार को स्वीकार किया, लेकिन घर में मिली क्लीन स्वीप को ज्यादा गंभीर हार बताया।

रोहित शर्मा ने तीन टेस्ट मैचों में 31 रन के अपने बुरे प्रदर्शन के बाद सिडनी में हुए पांचवें टेस्ट से बाहर रहने का फैसला किया था. दुबई में टेनिस बॉल क्रिकेट प्रीमियर लीग के लॉन्चिंग के अवसर पर न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए युवराज ने कहा युवराज ने कहा, “यह एक बड़ी बात है. मैंने पहले कभी नहीं देखा कि कोई कप्तान फॉर्म में न हो और उसने प्लेइंग इलेवन से बाहर रहने का फैसला किया हो. यह रोहित शर्मा की महानता है कि उन्होंने टीम को खुद से आगे रखा. वह एक महान कप्तान हैं, चाहे वह जीतें या हारें, वह हमेशा एक महान कप्तान रहेंगे. उनकी कप्तानी में हमने विश्व कप (वनडे) का फाइनल खेला, हमने टी20 विश्व कप जीता, हमने बहुत कुछ हासिल किया. रोहित की कप्तानी में भारत ने 17 साल बाद जून 2024 में टी20 विश्वकप जीता था.

न्यूजीलैंड के खिलाफ हार बर्दाश्त नहीं हो सकती

युवराज ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार को ज्यादा तवज्जो नहीं दी. लेकिन उन्होंने भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ क्लीन स्वीप को ज्यादा बड़ी हार बताया. उन्होंने कहा, “ऑस्ट्रेलिया में हार से ज्यादा न्यूजीलैंड से हार हमें ज्यादा दुखी करेगी क्योंकि हम घर पर 0-3 से हारे थे. यह स्वीकार्य नहीं है (न्यूजीलैंड के खिलाफ). यह ठीक है कि हम दो बार जीतने के बाद ऑस्ट्रेलिया में हार गए. ऑस्ट्रेलिया इतने सालों से एक डॉमिनेटिंग टीम रही है.” आपको बता दें कि न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम की हार कई मायनों में शर्मनाक थी. भारत ने 1988 के बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ पहली बार कोई टेस्ट मैच गंवाया था. 2012 के बाद पहली टेस्ट सीरीज गंवाई थी. अपने क्रिकेट इतिहास में पहली बार न्यूजीलैंड के खिलाफ किसी टेस्ट सीरीज में हार झेली और 3 या उससे ज्यादा मैचों में पहली बार किसी भी टीम के खिलाफ क्लीन स्वीप से हार मिली थी.

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