विराट कोहली भारत के एक ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने अपनी खेल क्षमता से टीम को कई मुश्किल समय में जीत दिलाई है। उनका प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया में सबसे शानदार रहा है। उन्होंने अब तक 123 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें 46.85 की औसत से 9230 रन बनाए हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों में टेस्ट क्रिकेट में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। 2019 के बाद से उन्होंने सिर्फ 3 शतक ही लगाए हैं। 5 सालों में उन्होंने 40 मैचों में केवल 2028 रन बनाए। इस बार का ऑस्ट्रेलिया दौरा उनके लिए और भी चुनौतीपूर्ण रहा, जहां उन्होंने इस सीरीज में 23.75 की औसत से सिर्फ 190 रन बनाए। इस प्रदर्शन के बाद विराट आईसीसी की ताजा रैंकिंग में टॉप 25 से बाहर हो गए हैं। हालांकि, एक समय था जब उनका दबदबा था, 2018 में वे नंबर एक पर थे। चलिए देखते हैं आईसीसी रैंकिंग में विराट का सफर कैसा रहा है।
टॉप 50 में एंट्री: 28 जनवरी, 2012
विराट कोहली ने 20 जून 2011 को वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा। पहले ही साल में उन्होंने शानदार खेल दिखाया और जनवरी 2012 में, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में अपना पहला टेस्ट शतक बनाया, जिसमें उन्होंने 116 और 22 रन बनाए। हालांकि, भारत को उस मैच में 298 रनों से हार का सामना करना पड़ा। इन बेहतरीन प्रदर्शनों के चलते उनकी रैंकिंग 65 से बढ़कर 45 हो गई, जिससे वे पहली बार टॉप 50 में शामिल हुए।
टॉप 20 में एंट्री: 18 मार्च, 2013
टॉप 50 में आने के बाद कोहली कभी भी बाहर नहीं हुए। एक साल के भीतर ही वे टॉप 20 में पहुँच गए। एक बार फिर, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके शानदार प्रदर्शन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया। मोहाली में कोहली के 67* और 34 रनों की मदद से भारत ने छह विकेट से जीत हासिल की और वे बल्लेबाजी रैंकिंग में 20वें स्थान पर पहुँच गए।
टॉप 10 में एंट्री: 18 फरवरी, 2014
एक और साल, एक और नया मील का पत्थर। कोहली ने 2014 की गर्मियों में इंग्लैंड दौरे पर काफी मुश्किलें झेली, लेकिन फरवरी में उन्होंने पहली बार टॉप 10 में अपनी जगह बनाई। लगातार तीन मैचों में 11वें स्थान पर रहने के बाद, कोहली ने वेलिंगटन में न्यूजीलैंड के खिलाफ 38 और 105* रन बनाकर 9वें स्थान पर पहुंच गए – उन्होंने यूनिस खान और ग्रीम स्मिथ को पीछे छोड़ दिया।
टॉप 5 में एंट्री: 21 नवंबर, 2016
कोहली को टॉप पांच में पहुंचने में ढाई साल से ज्यादा का वक्त लगा। महेंद्र सिंह धोनी के रिटायर होने के बाद भारत की कप्तानी करते हुए उन्होंने विशाखापत्तनम में इंग्लैंड के खिलाफ 167 और 81 रन की शानदार पारी खेली और 246 रन से जीत हासिल की। इस जीत के साथ वे रैंकिंग में 14वें से सीधे चौथे स्थान पर पहुंच गए।